आज शाम को जाते जाते उसने कह दिया था कि तुम बहुत
याद आओगे तुम्हारे साथ जितनी पल मैंने गुजारी वह एक पल था
मुझे जब तुम जब पहली बार कॉलेज में मिली थी ऐसा मुस्कुराती की दिखाई देती थी मैंने एक बार बहुत हिम्मत करके आपसे पूछा था कि आपके मुस्कुराने का राज क्या है और आपने फिर वही मुस्कान भरी लफ्जों में बताया था मुस्कुराना होता है तो किसी के पीछे मत भागो अपने खुद के पीछे भागो हमेशा मुस्कुराते रहोगे
उस दिन मुझे मैं बस यही सोचता रहा क्या सच में किसी के पीछे नहीं भागने पर हमेशा मुस्कान लिए लोग रहते हैं लेकिन मेरे दोस्त तो कितने खुश रहते हैं किसी और के पीछे भागते भागते
...... रवि सिंह भारती...........
याद आओगे तुम्हारे साथ जितनी पल मैंने गुजारी वह एक पल था
मुझे जब तुम जब पहली बार कॉलेज में मिली थी ऐसा मुस्कुराती की दिखाई देती थी मैंने एक बार बहुत हिम्मत करके आपसे पूछा था कि आपके मुस्कुराने का राज क्या है और आपने फिर वही मुस्कान भरी लफ्जों में बताया था मुस्कुराना होता है तो किसी के पीछे मत भागो अपने खुद के पीछे भागो हमेशा मुस्कुराते रहोगे
उस दिन मुझे मैं बस यही सोचता रहा क्या सच में किसी के पीछे नहीं भागने पर हमेशा मुस्कान लिए लोग रहते हैं लेकिन मेरे दोस्त तो कितने खुश रहते हैं किसी और के पीछे भागते भागते
...... रवि सिंह भारती...........
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें